Nalanda University : भारत की पहली ऎतिहासिक यूनिवर्सिटी फिर से बन गयी।

nalanda university
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ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी जी ने 19 जून 2024 किया है।
इसमें करीब 1749 करोड़ रुपये की लागत से बना है। Nalanda University बिहार राज्य के नालंदा जिले में है ,यहाँ पर अभी तक 400 छात्र पढ़ने लगे है जो की बाहर देश से छात्र आये हुए हैं। नालंदा यूनिवर्सिटी का नया परिसर नेट जीरो को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
नालंदा यूनिवर्सिटी की ऑफिसियल वेबसाइट है. nalandauniv.edu.in पर यूनिवर्सिटी की सारी जानकारी ले सकते है ,

नालंदा यूनिवर्सिटी की विशेषताएं।

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यहाँ पर छात्र और छात्रा भी आसानी से एडमिशन ले सकते है, ये पूरी यूनिवर्सिटी नेट जीरो ग्रीन कैंपस के रूप में काम करता है। इसमें सौर ऊर्जा , जल उपचार , रीसायकल की और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएं हैं।
इस यूनिवर्सिटी में आडोटिरिम , हॉस्टल , ऐकडेमिक ब्लॉक , इंटरनेशनल , सेंटर , फैकल्टी क्लब और स्पोर्ट्स के भी कैंपस है। यहाँ पर मेरिट बेस्ड एडमिशन और एंट्रेंस एग्जाम द्वारा किया जायेगा , यहाँ पर MBA, PGDM, CAT, MAT XAT का भी एडमिशन होता है।
नालंदा यूनिवर्सिटी में आर्ट्स , सोशल साइंस , मैनेजमेंट , बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन , Mass मीडिया , P.hd ,जर्नलिज्म, साइंस कोर्सेस भी है , इसकी पूरी लिस्ट जानने के लिए आप इसके ऑफिसियल वेबसाइट पर चेक कर सकते है।

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Nalanda University History : पूर्व नालदा विश्वविद्यालय का इतिहास

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यह दुनिया का सबसे पहला विश्वविद्यालय था , जहा पर एक ही जगह शिक्षक और छात्र रहते थे।
प्राचीन भारत का ऎतिहासिक और गौरवशाली शिक्षण केंद्र था।
नालंदा विश्वविद्यालय को सम्राट गुप्त प्रथम ने 450 ई. में बनवाया था।

दोस्तों इस विश्वविद्यालय में लगभग 10000 छात्र और २००० तक अध्यापक रहते थे।
नालंदा विश्वविद्यालय में भारत के भी छात्र पढ़ते थे , और बाहर देश से भी विधार्थी पढ़ने आया करते थे।
कोरिया , चीन, तिब्बत , इंडोनेशिया , फारस , टर्की से विधार्थी शिक्षा ग्रहण करने आये थे।
नालंदा छात्रों के रहने के लिए ३०० कमरे बनाये गए थे , यहाँ पर पढ़ाये जाने वाले विषय थे – दर्शन , व्याकरण , ज्योतिषशास्त्र, चिकत्सा शास्त्र , योगशास्त्र भी पढ़ाये जाते थे। नालंदा में आचार्य आर्य भठ भी शिक्षा प्राप्त किये थे।

खिलजी ने नालंदा को क्यों नष्ट किया?

लोगो का कहना है नालंदा को इसलिए नष्ट किया गया भख्तियार खिलजी और उसके सैनिकों को लगता था कि इसकी शिक्षाएं इस्लाम के खिलाफ यहाँ पर शिक्षा दी जाती है। नालंदा को खिलजी ने पूरी यूनिवर्सिटी को आग लगी दी थी। माना जाता है की यहाँ की आग ३ महीने तक किताबे जलती रही थी। और पूरी यूनिवर्सिटी नष्ट हो गयी थी।

पूर्व नालंदा विश्वविद्यालय की जानकारी

स्थान:
– नालंदा ज़िला, बिहार, भारत
– क्षेत्र: मगध
– निर्देशांक: 25°08′12″N 85°26′38″E

भौतिक माप:
– लम्बाई: 240 मीटर (800 फीट)
– चौड़ाई: 490 मीटर (1,600 फीट)
– क्षेत्रफल: 12 हेक्टेयर (30 एकड़)

इतिहास:
– निर्माता: कुमारगुप्त प्रथम
– स्थापित: 5वीं शताब्दी
– परित्यक्त: 13वीं शताब्दी
– संस्कृति: बौद्ध धर्म
– मुख्य घटना: बख्तियार खिलजी द्वारा 1200 CE में नष्ट

उत्खनन और पुरातत्व:
– उत्खनन दिनांक: 1915–1937, 1974–1982
– पुरातत्ववेत्ता: डेविड स्पूनर, हीरानंद शास्त्री, जे ए पेज, ऍम कुरैशी, जी सी चंद्रा, ऍन नाज़िम, अमलानन्द घोष
– सार्वजनिक अभिगम: हाँ
– जालस्थल

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल:
– आधिकारिक नाम: नालंदा, बिहार में नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थल (नालंदा विश्वविद्यालय)
– मानदंड: सांस्कृतिक: iv, vi
– सन्दर्भ: 1502
– शिलालेख: 2016 (40वां सत्र)
– क्षेत्र: 23 हेक्टेयर
– मध्यवर्ती क्षेत्र: 57.88 हेक्टेयर