पीएम मोदी ने मुसलमानों और कांग्रेस के खिलाफ दिया नफरती भाषण’ चुनाव आयोग करेंगी इस पर जांच पड़ताल।

लोकसभा चुनाव 2024 : पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग ने ‘नफरती भाषण’ देने के लिए शिकायतों की ‘जांच पड़ताल’ कर रहा है

यह शिकायतें राजस्थान में मुसलमानों और कांग्रेस पर ने की हैं।

चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के उन शिकायतों की “जांच” कर रहा है, जिनमें उन पर “घृणास्पद भाषण” देने का आरोप लगाया गया है, जबकि कई पार्टी के लोग, सामाजिक संगठनों और नागरिकों की ओर से चुनाव आयोग में शिकायतें की जा रही हैं।

चुनाव आयोग को राजस्थान के बांसवाड़ा में मोदी के प्रचार प्रसार में भाषण के खिलाफ शिकायतें मिली हैं और यह चुनाव आयोग के संवेदनशील है । कांग्रेस और सीपीआई (एम), और सीपीआई (एमएलए) के साथ-साथ पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टी और सिटीजन जैसे संगठन.ने भी आरोप लगाया हैं।

पीएम मोदी के ऊपर कार्रवाई की मांग करते हुए, ‘संविधान बचाओ नागरिक अभियान’ के द्वारा शुरू एक पत्र में 17,421 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर पत्र चुनाव आयोग को भेज दिया है। कांग्रेस और उनके समरथक ने मांग कि नफरत फैलाने वाले भाषण देने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाए..

पीएम मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस जनता की संपत्ति को “जब्त करकें “मुसलमानों”और अन्य संगठन को दे देगा । मोदी ने कई बार यह आरोप कांग्रेस लोगों पर लगाया ..
कांग्रेस के लोगों कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सख्त जांच की मांग की हैं , जिसमें दावा किया जाता हैं कि कांग्रेस लोग गरीब जनता की संपत्ति जब्त कर लेगी और इसे प. जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय धन वितरण योजना डाल देगी ।

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प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों पर जानकारों की राय

चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था एडीआर के प्रोफ़ेसर जगदीप छोक्कर ने चुनाव आयोग को एक पत्र में लिखा कि पीएम मोदी का भाषण आचार संहिता नियम और जन प्रतिनिधित्व क़ानून 1995 की 123(3) धारा, 123(3.A) धारा 125 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153(A) के नियम का उल्लंघन है और चुनाव आयोग से इस पर उन्होंने जल्द-जल्द कार्रवाई की माँग की है

हिलाल अहमद (सीएसडीएस) के मुताबिक ये भाषण प्रधनामंत्री मोदी के पहले भाषणों जैसा नहीं हैं.

हिलाल जी कहते हैं की “प्रधानमंत्री जी पूर्व में हिंदू, और हिंदुत्व, व मुस्लिम जैसे भाषा का इस्तेमाल को लेकर बहुत सतर्क रहते हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने तीन या चार बार हिंदुत्व और मुस्लिम शब्दों का इस्तेमाल किये है लेकिन ऐसा नहीं है कि वो अपने वोटरों के बारे में ऐसा सोचते हैं.”

हिलाल अहमद ने बताया की मोदी इस तरह से अपना बात रखते हैं कि उनकी बात हर तरह के वोटरों तक पहुंचे. ऐसे महत्वपूर्ण समय में जब वोटिंग प्रतिशत गिरा है, प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण दर्शाता है कि पार्टी अपनी मूल राजनीति की ओर जा रहा है